लेखनी प्रतियोगिता -07-Dec-2022
खामोशी में भी सब सह लेते
तन्हाई में शोर है खुद बाते खुद में रह जाती
एक किस्सा हर एक नारी का उसकी जिम्मेदारी का, प्रेम से वो सब काम करती घर की बातों को दिल पर वो कभी न लेती, सुबह सवेरा उठ कर उसको काम की टेंशन शुरू बच्चे का लंच बॉक्स से लेके डिनर ,पति का ऑफिस लेट न हो जाना,सास ससुर को चाय लेट मिले तो
आज थोड़ा लेट हो गई ये तो तुम्हारा रोज का बहाना है ये है ताना,खाना बनाना घर का पूरा काम करना ।मैं सब कुछ कर देती मां , पढ़ी लिखी हूं जॉब कर लूं,क्या मेरा यह खाने की कमी है ,काम न करना पड़े तो ये टीवी सीरियल्स वाले रौब मुझ पे ना जमाना ।
घर बैठो घर में अनेको काम है तुम्हारी जगह और तुम्हारा यही स्थान है,बच्चे स्कूल आके भी मां को सुनाते है ,बताओ बच्चो खाना कैसा बना
अरे मॉम अब घर में ही रहती हो आपका यही काम है तो अच्छा बना होगा।
मेरे ऑफिस के लोग आ रहे 10/15लोग का भोजन तैयार रखना ,हैं जी
दिन भर की थकान के बाद भी कोई मेरे हाल चाल भी नही लेता,डेली वही ताने तुम करती क्या हो ।
खामोशी में घुटती थी वो एक दिन लिख चिट्ठी
घर छोड़ दिया ,,,स्टेटस बना लूंगी तब सम्मान
की कल्पना करिएगा के लिए जा रही हूं
वापस जरूर आऊंगी ।।
दिन भर की थकान के बाद भी कोई मेरे हाल चाल भी नही लेता,डेली वही ताने तुम करती क्या हो । सुबह उठ भगवान को शीश झुका प्रणाम करती है टूट चुकी होती अंदर अंदर
अब मुझसे नही होगा निकल वो घर से जाती है
राह में पहली बार सफर के लिए निकली उसे खुद की परवाह से ज्यादा बच्चो का टिफिन लंच याद ,और साथ ताने ,,,चीखती है खूब तेजी से खुद को बहुत रूआती है
जितना दर्द छिपा रखा था अब नही सहोंगी ताने
करना है कुछ मुझको और स्टेटस बनाना है
नारी का काम है घर संभारना मैं सहमत हूं मुझे सम्मान से घर का काम करना और जॉब भी करनी है।
घर में कोहराम था क्योंकि वक्त की चाय और देने के लिए ताने में नहीं थी।
बना स्टेटस वो वापस लौट आती है पति से ज्यादा सैलरी रौब नही जमाती है
हो चौकन्ना जाते सब कमी महसूस हो जाती
लगा गले उसको खामोशी भी शोर मचाती है।
नारी की असली मुस्कान उसके सम्मान से है
shweta soni
09-Dec-2022 07:47 PM
बेहतरीन रचना
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Parangat Mourya
08-Dec-2022 05:30 PM
Behtreen 🙏👌
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Abhinav ji
08-Dec-2022 08:02 AM
Very nice👍
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